Saturday, July 2, 2011

Ma

माँ

माँ असीम अन्नत माँ स्वरूप भगवंत
ममता का स्त्रोत कोई ओर-छोर ना अंत
माँ महीन एहसास अडि़ग विश्वास अविरल अनुराग
जाड़े की नरम धूप गरमी की बरसात
माँ पुष्पों कि महक सोंधी ब्यार
तपते मन पर सावन की फुहार
माँ पहली पाठशाला संस्कारों की वर्णमाला
गुरुओं का गुरु जीवन का शुरु
जीने की कला जीवन गणित की कुंजी
माँ बच्चों की असीम पूंजी
माँ मन को पढ़ने का यंत्र
चिंता दूर करने का मंत्र
माँ एक ऎसा घोंसला
जिसमें चट्टान सा होंसला
माँ दया करुणा उदारता
जिसका आशीष जीवन संवारता
माँ साहस सहिष्णुता समर्पण
जीवन का सच्चा दर्पण
माँ ऎसा आधार जिसमें ना पड़े दरार
परिवारों का सगंम रिश्तों की गहराई
नयनों की ज्योती रक्त की गरमाई
हर रिश्ता झूठा सब रिश्ते बहरूप
केवल सच्चा माँ का रिश्ता माँ ईश्वर का रुप
आत्मा की गहराईयों से करती है प्यार
नींदों से उठ-उठ करे दुवाओं की बौछार
दिल के टुकड़ों की खा़तिर रब से भी लड़े कई बार
माँ का कोई पर्याय नहीं माँ तो दैवी शक्ति है
तभी तो इक मांस के टुकड़े को इंसान बना देती है।


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